Exclusive: आजम खान और अखिलेश यादव के बीच गहराता जा रहा विवाद! इन वजहों से मिल रहे संकेत

UP Politics: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2027 यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने लखनऊ में समाजवादी युवजन सभा की बैठक कर युवाओं के भरोसे चुनावी मैदान जीतने का ऐलान कर दिया है. आने वाले दिनों में वह पार्टी के अन्य संगठनों की भी बैठक करने वाले हैं.

इन सबके बीच सवाल उठ रहे हैं कि  क्या अखिलेश यादव 2027 का विधान सभा चुनाव अकेले दम पर जीत पाएंगे क्योंकि उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे बड़े मुस्लिम नेता और समाजवादी पार्टी के महासचिव आजम खान लम्बे समय से सीतापुर जेल में बंद हैं .

सपा सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव और आजम के बीच रिश्ते काफ़ी कड़वाहट भरे हो चुके हैं. यही वजह है की आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम को हरदोई जेल से छूट कर आये लगभग 2 महीने होने वाले हैं लेकिन वह एक बार भी अखिलेश यादव से मिलने तक नहीं गये हैं. न ही यादव परिवार से कोई नेता रामपुर अब्दुल्लाह आजम से मिलने अभी तक पहुंचा है.

मुरादाबाद मंडल के नेताओं ने भी बनाई दूरी?
इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद मंडल के लगभग सभी बड़े मुस्लिम नेताओं ने भी आजम खान के परिवार से दूरी बना ली है. यही वजह है की आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम के जेल से छूट कर आने के बाद से अभी तक रामपुर के सपा सांसद मुहिबुल्लाह नदवी हों या संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, या फिर राज्य सभा सांसद जावेद अली, पूर्व मंत्री एंव विधायक कमाल अख्तर, पूर्व मंत्री एंव सपा विधायक महबूब अली, पूर्व मंत्री एंव सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद और पूर्व सांसद डॉ एस टी हसन जैसे सभी बड़े मुस्लिम नेता आजम खान के परिवार से दूरी बनाये हुए हैं.

सूत्रों का कहना है कि लोक सभा चुनाव के दौरान टिकट के बंटवारे को लेकर आजम खान और अखिलेश यादव में जो तल्खियां शुरू हुई थीं वह वक़्त के साथ बढ़ती ही जा रही हैं. हालांकि कुन्दरकी विधान सभा उप चुनाव के दौरान 11 नवम्बर 2024 को एक बार अखिलेश यादव आजम खान की पत्नी डॉ तजीन फातिमा से मिलने रामपुर ज़रूर पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद 10 दिसंबर 2024 को आजम खान ने जेल से चिट्ठी भेज कर अपनी नाराज़गी साफ़ कर दी थी.

इसके बाद से बताया जा रहा है की आजम खान और अखिलेश यादव के बीच दूरियां और बढ़ गयी हैं और यही वजह है की 25 फरवरी 2025 को अब्दुल्लाह आजम हरदोई जेल से रिहा हुए और अब दो महीने होने वाले हैं लेकिन वह अभी तक अखिलेश यादव से मिलने तक नहीं गये हैं.

कांग्रेस के साथ आजम खान या बनाएंगे विकल्प?
सूत्रों का कहना है की यही वजह है जो आजम खान के परिवार से सपा के मुस्लिम नेताओं ने भी दूरी बना ली है. लेकिन दूसरी तरफ सूत्रों का दावा है की आजम खान के परिवार से कांग्रेस के कुछ बड़े नेता भी लगातार संपर्क में हैं और वह चाहते हैं की अब आजम खान कांग्रेस के साथ आ जाएं.

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वहीं आज़ाद समाज पार्टी के नेता और नगीना के सांसद चन्द्र शेखर रावण भी अब्दुल्लाह आजम के लगातार संपर्क में हैं और वह चाहते हैं की आजम खान उनको अपना आशीर्वाद दें. इतना ही नहीं आजम परिवार के सामने कई राजनितिक विकल्प खुले हुए हैं लेकिन सवाल यही की क्या इस नाराज़गी के पीछे कोई प्रेशर पालिटिक्स है या फिर यूपी में आजम खान किसी नये राजनितिक गठजोड़ का खेल करने वाले हैं.

फिलहाल आजम खान का परिवार अभी खामोश हैं और वह किसी भी मुद्दे पर मीडिया में अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं और इंतज़ार आजम खान के जेल से छूट कर आने का किया जा रहा है.

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