
गोरखपुर को मिली करोड़ों के विकास कार्यों की सौगात, CM योगी ने किया लोकार्पण और शिलान्यास
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शनिवार को गोरखपुर को बड़ी विकास योजनाओं का तोहफा दिया. योगी आदित्यनाथ ने 1498 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 146 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. ये सभी योजनाएं गोरखपुर जिले की नौ विधानसभाओं के लिए हैं. इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि अब गोरखपुर का नाम सुनकर लोग चौंकते नहीं, बल्कि तारीफ करते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले गोरखपुर में सड़कें टूटी रहती थीं, बिजली नहीं आती थी और युवाओं को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता था. लेकिन अब गोरखपुर एयर कनेक्टिविटी से जुड़ चुका है, रामगढ़ताल एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बन गया है और मेडिकल सुविधाएं तेजी से बढ़ रही हैं.
सीएम योगी ने लाभार्थियों को दिए लैपटॉप
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को टूलकिट, चेक, प्रमाण पत्र और लैपटॉप वितरित किए. उन्होंने बच्चों का अन्नप्राशन कराया और महिलाओं की गोद भराई की. साथ ही कई विभागों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.
सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में विकास की कोई सोच नहीं थी. तब माफिया, गुंडे और भ्रष्टाचार का बोलबाला था. आज प्रदेश में कानून का राज है, बेटियां सुरक्षित हैं और नौजवानों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा है. उन्होंने कहा कि आज यूपी ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ और ‘एक जनपद-एक मेडिकल कॉलेज’ जैसे मॉडल पर काम कर रहा है.
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में गोरखपुर को एम्स, खाद कारखाना, फोरलेन सड़कों, चीनी मिल और आयुष विश्वविद्यालय जैसी कई बड़ी सौगातें मिल चुकी हैं. इन सभी विकास कार्यों की वजह से अब गोरखपुर को ‘पूर्वांचल का नया चेहरा’ कहा जा रहा है.
योजनाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता हम सबकी जिम्मेदारी- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो योजनाएं बन चुकी हैं, उनमें जनता का पैसा लगा है, उसकी गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से अपील की कि हर कार्य समय से और गुणवत्ता के साथ पूरा हो ताकि जनता को लंबे समय तक लाभ मिल सके. कार्यक्रम में सांसद रवि किशन, विधायकों और अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से 1998- 2017 तक सांसद रह चुके हैं और यहीं गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर भी हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने गोरखपुर और पूर्वांचल के विकास को अपनी प्राथमिकता में रखा. एम्स गोरखपुर, खाद कारखाने का दोबारा शुरू होना, सड़क कनेक्टिविटी में सुधार, और पर्यटन विकास जैसे कई कार्य इसी नीति के तहत तेजी से आगे बढ़े हैं.
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